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दिनकर की पुण्यतिथि के मौके पर कवि गोष्ठी और श्रद्धांजलि कार्यक्रम का होगा आयोजन …

स्वामी सहजानंद स्मृति न्यास गाजीपुर के तत्वावधान में होगा कार्यक्रम ...कार्यक्रम की रूपरेखा की गई तय

समाचार सेंटर ब्यूरो ,गाजीपुर

स्वामी सहजानंद सरस्वती स्मृति न्यास गाजीपुर के तत्वावधान में ओज और राष्ट्रकवि,ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित रामधारी सिंह दिनकर जी की ५१वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम के अवसर पर एक कवि गोष्ठी एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया है …ये कार्यक्रम 24अप्रैल को शाम 3 बजे प्रेसीडियम इंटरनेशनल स्कूल अष्टभुजी कॉलोनी गाजीपुर में आयोजित किया गया है…स्वामी सहजानंद सरस्वती स्मृति न्यास गाजीपुर के संस्थापक न्यासी मारुति कुमार राय एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में स्थानीय कवि और प्रवक्ता अपनी आवाज से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे …और गणमान्य नागरिक रामधारी सिंह दिनकर को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे …


रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबंधकार थे। उन्हें आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवियों में गिना जाता है। राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता उनकी कविताओं का मुख्य विषय हुआ करता था, जिसके कारण उन्हें ‘युग-चारण’ और ‘काल के चारण’ जैसे उपनामों से भी नवाजा गया।

दिनकर जी का जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गाँव में एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान में बी.ए. की उपाधि प्राप्त की थी। उन्हें संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं का भी गहरा ज्ञान था।

स्वतंत्रता से पहले वे एक विद्रोही कवि के रूप में जाने जाते थे और स्वतंत्रता के बाद उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि मिली। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश के साथ-साथ कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की भी अभिव्यक्ति मिलती है। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में रश्मिरथी और परशुराम की प्रतीक्षा शामिल हैं।

दिनकर जी को उनकी रचना ‘संस्कृति के चार अध्याय’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और काव्य कृति ‘उर्वशी’ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ से भी अलंकृत किया। उनकी स्मृति में भारत सरकार द्वारा डाक टिकट भी जारी किया गया है।

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